
Mehul Choksi connection with Rajiv Gandhi Foundation: राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग केस में एक ताज़ा और अहम खुलासे में, अब यह पता चला है कि भगोड़े डायमंड कारोबारी मेहुल चिनुभाई चोकसी ने 2014-15 में सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली फाउंडेशन में अघोषित दान किया था।
दान नवराज एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से किया गया था और चोकसी इस कंपनी के निदेशकों में से एक है।
यह खुलासा तब एक आरटीआई के जवाब में सामने आया है। इससे पहले चाइना एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रेंडली कांटेक्ट (CAIFC), पीपुल्स लिबरेशन आर्मी फ्रंट द्वारा राजीव गाँधी फाउंडेशन को वित्त पोषित किये जाने की बात सामने आने के बाद देश की सियासत गरमा गई थी।
CAIFC संयुक्त राज्य अमेरिका के एफबीआई के रडार पर भी था और यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की एक रिपोर्ट में अमेरिकी कांग्रेस में कहा गया था कि वह विदेशों में जासूसी गतिविधियों में शामिल था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पहली बार आरटीआई आवेदन के जवाब में शीर्ष 30 विलफुल डिफॉल्टरों की सूची जारी की है। मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की टॉप 30 विलफुल डिफॉल्टर्स की लिस्ट में टॉप किया था।
इस लिस्ट में उल्लेख हुआ कि चोकसी ने 5,044 करोड़ रुपये की राशि पर डिफ़ॉल्ट किया था। इस महीने की शुरुआत में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हांगकांग से पाए गए 2,340 किलोग्राम से अधिक पॉलिश किए गए हीरे, मोती और चांदी के आभूषणों की कीमत 1,350 करोड़ रुपये बताई और यह सब भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों के थी।
ये कंपनियां संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और हांगकांग में स्थित हैं। सितंबर 2019 में, जब एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने भगोड़े हीरे के जौहरी मेहुल चोकसी को “बदमाश” बताया और कहा कि उसे भारत में प्रत्यर्पित किया जाएगा, कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हमला किया था जनता के पैसे की धोखाधड़ी और चोरी में शामिल लोगों की रक्षा करने का आरोप लगाया था।
जनवरी 2018 में चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता मिल गई और मामला सामने आने से पहले ही वह भारत से भाग गया था। जबकि इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है, मुंबई की एक अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है लेकिन अभी तक उसका प्रत्यर्पण भारत में नहीं हो पाया है।