
दिल्ली मेट्रो देश की सबसे बड़ी मेट्रो सेवा है, जिसकी शुरुआत 24 दिसंबर 2002 में हुई थी और 2002 से लेकर 2020 तक दिल्ली मेट्रो के परिचालन में कई बड़े बदलाव भी आये है। पहले नियमो के अनुसार बिना ड्राइवर के ट्रैन चलाने की अनुमति नही थी लेकिन अब ड्राइवरलेस मेट्रो लाने के लिए मेट्रो रेलवेज जनरल रूल 2020 में बदलाव किए गए हैं।
28 दिसंबर सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, जो की 38 किलोमीटर लंबी मेजेंटा लाईन पर सरपट दौड़ेगी।जनकपुरी वेस्ट और बोटेनिकल गार्डन को जोड़ने वाली ये मेट्रो लाईन एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाईन के साथ नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) की सेवाओं का भी संचालन करेगी।
आपको बता दे कि निकट भविष्य में दिल्ली मेट्रो यही ड्राइवरलेस सेवा 2021 के मध्य तक पिंक लाईन पर भी लागू करने वाली है जो कि करीब 57 किलोमीटर लंबी है और मंजलिस पार्क से शिव विहार को जोड़ती हैं। इतना ही नही धीरे-धीरे ज्यों ही ये योजना सफल होगी वैसे ही इसे पूरे 390 किलोमीटर में फैली दिल्ली मेट्रो पर लागू कर दिया जाएगा।
डीएमआरसी के मुताबिक अभी अधिकतर ट्रेनों को कन्ट्रोल रूम से नियंत्रित किया जाता हैं। उनका कहना हैं कि ये बिल्कुल एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसा हैं। नई ड्राइवरलेस मेट्रो पूरी तरह से सुरक्षित है और इनमे सुरक्षा के पूरे इंतजाम है, इन पर पूरे समय सीसीटीवी कैमरा द्वारा निगरानी रखी जाती हैं फिर भी हर प्रकार के सुरक्षा नजरिये को ध्यान में रखते हुये शुरुआत में इन ड्राइवरलेस ट्रेनों पर भी ड्राइवर रखे जाएंगे लेकिन जैसे ही सुरक्षा हर प्रकार से सुनिश्चित हो जाएगी वैसे ही इन्हें हटा दिया जाएगा।
उद्धघाटन के दौरान अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें 3 साल पहले मेजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभग्य मिला था और आज फिर इसी रूट पर देश की पहली ऑटोमेटेड मेट्रो का उद्घाटन करने का सुअवसर मिला हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा “ये दिखता है कि भारत कितनी तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ बढ़ रहा है। आज नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से भी मेट्रो जुड़ रही हैं।”